उभरती हुई सूरज की किरणों में
आशा भरी हर एक लड़की की आँखों में
ओस की बूंदों की चमक में
हर नदी की ऊर्जा भरी लहर में
दौड़ते हुए बच्चों की खेल में
अन्नदाता किसानो की पसीना में
सपने हैं सपने हैं..
गैर लोगों से क्या लेना,
स्वशक्ति से है दिखाना
हर एक भारतीय की निष्ठा से
कर्म योगी महानेता की प्रेरणा से
हम सब लायेंगे अछे दिन,
निभाएंगे अखंड भारत की सच्चे वादे
सपने हैं सपने हैं..
सपने हैं सपने हैं..
original post at:
http://anilreddy12001.blogspot.in/2014/06/blog-post.html
-अनिल कुमार रेड्डी