माँ

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माँ तू मुझे याद आती है
बहुत याद आती है !
बचपन न जाने कब ख़त्म हुआ ,
तेरा साथ कभी मिला
कभी नहीं मिला ,
पर तू मन से सदैव रही साथ मेरे ,
सुख दुःख में रही पास मेरे ,
मै रहा अनजान तेरी पीड़ा से ,
समय के फेर ने न आने दिया साथ तेरे ,
तुझ को याद किया बस ,
छोड़ दिए हाथ तेरे ,
और किंकर्तव्य विमूढ़ की तरह ,
छोड़ दिया समय की मार खाने को ,
न समझ सका तुझको , तेरी मजबूर निगाहों को ,
और अब जब उम्र के ढलान ,
खुद पर समय की मार पड़ती है ,
तेरी याद आती है ---बहुत याद आती है ,
माँ तू मुझे याद आती है !!