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फरियाद
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short-poem
4-liners
कदम ठहरे हैं मेरे अब भी वहॉं अलविदा किया तुमको जहां
लौट आओ बस एक बार,फरियाद यह कैसे करूं बात मैं तुमसे कैसे करूं
रूठे हो तुम वहॉं मौन हैं सब यहां ,मेरे सर पर हाथ रख देदो मेरे दोनों जहां
फरियाद यह कैसे करूं बात मैं तुमसे कैसे करूं.
manjusha sunny
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